पशुपालन विभाग

आपको भले ही भरोसा न हो, लेकिन शहर में आवारा कुत्तों की संख्या सिर्फ 7166 है। ये दावा पशुपालन विभाग के अधिकारियों का है। ये स्थिति तब है जब शहर में आवासीय काॅलाेनी-माेहल्लाें की संख्या लगभग तीन हजार है। व्यावसायिक क्षेत्रों की संख्या इसमें शामिल नहीं है और हर गली-माेहल्ले में 8-10 आवारा कुत्ते आपकाे घूमते दिख जाएंगे। पिछले दिनों विभाग ने कुत्तों की गणना कर रिपोर्ट शासन को भेजी है, लेकिन पशु विशेषज्ञ उनके इस आंकड़े से सहमत नहीं हैं।


उनका कहना है कि सामान्य फॉर्मूले के अनुसार किसी भी शहर में कुत्तों की संख्या आबादी की 5 से 8 फीसदी होती है। संख्या को लेकर उनका कहना है कि ग्वालियर में आवारा कुत्तों की संख्या 65 से 75 हजार के बीच होना चाहिए। विशेषज्ञों की बात का भरोसा इसलिए भी करना पड़ेगा कि पशुपालन विभाग ने वाॅर्ड वार गणना में वाॅर्ड 32 में कुत्तों की संख्या 62 बताई है, जबकि अकेले फूलबाग से लक्ष्मीबाई की समाधि के बीच मेन रोड पर ही रात में 25 से 30 कुत्ते खड़े दिखाई देते हैं। 


शहर की कुल आबादी की 5 से 8 फीसदी होती है कुत्तों की संख्या
पूर्व में जब कुत्तों की गणना नहीं होती थी, तब शहर की आबादी के हिसाब से इसका आकलन किया जाता था। ऐसा माना जाता है कि कुल आबादी की 5 से 8 फीसदी संख्या कुत्तों की होती है। शहर की आबादी लगभग 13 लाख है। ऐसे में कुत्तों की संख्या कम से कम 65 हजार तो होना ही चाहिए। -जैसा डॉ. ओपी गुप्ता ने भास्कर को बताया


पिछले कुछ सालों में कुत्तों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई
एनिमल क्योर एंड केयर एनजीओ की अल्का गुप्ता ने बताया कि बीते कुछ सालों में शहर में कुत्तों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। कारण, एबीसी प्रोग्राम के अंतर्गत नसबंदी के काम में बरती गई ढिलाई। ऐसी ही स्थिति रही तो आने वाले समय में कुत्तों की संख्या एक लाख तक पहुंच सकती हैं। वर्तमान में शहरी क्षेत्र में यह संख्या 75 हजार के लगभग होना चाहिए।


नगर निगम का नसबंदी का आंकड़ा 16 हजार 


पशुपालन विभाग की मानें तो शहर के 66 में से 37 वार्ड तो ऐसे हैं, जिनमें कुत्तों की संख्या 100 से भी कम है। जानकाराें के अनुसार एक वाॅर्ड में लगभग 30 आवासीय काॅलाेनी-माेहल्ले हैं। दूसरी ओर नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, शहर में बीते 7 सालों में एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) प्रोग्राम के अंतर्गत 16004 कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है। यह आंकड़ा पशुपालन विभाग के आंकड़े से दोगुने से भी ज्यादा है। पशुपालन विभाग ने सितंबर 2018 से मार्च 2019 तक कुत्तों की गणना का कार्य करवाया है।


वाॅर्ड-58 में सबसे ज्यादा 445 कुत्ते


रिपोर्ट में वाॅर्ड-58 में सबसे ज्यादा कुत्ते बताए गए हैं। शहर की सबसे ज्यादा पॉश कॉलोनियां जैसे माधवनगर, बसंत विहार, विवेक विहार और अन्य इसी वाॅर्ड में आती हैं। इसके अलावा वाॅर्ड-40 में 185, वार्ड-62 में 273 और वाॅर्ड-63 में 256 कुत्ते होना बताया गया है। जबकि वाॅर्ड-47 और 57 में 67-67, वाॅर्ड-27 में 54 और वाॅर्ड-12 में कुत्तों की संख्या मात्र 45 बताई गई है।